दोस्तों छठ पूजा जिसके बारे में हम सभी जानते है और इसे ख़ास कर उत्तर और पूर्व भारत में भारत में मनाया जाता है. लेकिन हम में से बहुत से लोग छठ पूजा क्यों मानते है ? और छठ पूजा का क्या इतिहास है ? इसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते है. इसीलिए आज हम ये लेख उनके लिए प्रकाशित कर रहे है जिन्हें छठ पूजा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. इस लेख के जरिये हम आप लोगो के लिए chhath puja से जुडी सारी जानकारी आप लोगो के सामने रखने वाले है तो चलिए बिना देर किये जानते है आखिर ये chhath puja क्या है ? और इसे हम सभी लोग क्यों मानते है ?
छठ पूजा क्या है
chhath puja वैदिक काल से चलता आ रहा एक हिन्दू धर्मं का पर्व है जहा हम सूरज की बहन छठी मइया को समर्पित करते है. chhath puja एक हिन्दू धर्म का पूजा है लेकिन यहा हम मूर्ति की पूजा नहीं करते है. यहा विशेष रूप से छठ पूजा उगते सूरज की पूजा करते है. और इसे भारत में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है.
छठ पूजा आयोजन उत्तर भारत के Bihar में सबसे ज्यादा लोग मानते है. और साथ ही वह के लोग शारदा सिन्हा जो की एक बहुत ही popular गायक है की Geet गा कर छठ का और उपवास रख कर छठ पूजा को पालन करते है. छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण प्रसाद ठेकुआ होता है जो गेहू का बना होता है. ठेकुआ के बिना छठ की पूजा हो ही नहीं सकती है. छठ पूजा को हम छठ पर्व , छइठ, षास्ठी पूजा के नाम से भी कई लोग जानते है.
छठ पूजा क्यों मनाई जाती है ?
दोस्तों छठ पूजा भारत का कॉमन पूजा है जो हर साल 2 बार होता है तो इसके बारे में बहुत से लोगो को पता है. मगर क्या आपको मालूम है छठ पूजा क्यों मनाई जाती है ? अगर हां तो कोई बात नहीं है और अगर आपका जवाब ना है तो जान ले. छठ की पूजा अपने परिवार विशेषकर अपने बच्चो के लिए किया जाता है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार का संकट ना आये.
छठ पूजा महाभारत के काल से ही मनाई जाती है इस पर्व को सबसे पहले सूर्य पुत्र कर्ण ने शुरू किया था जो घंटो पानी में खड़े हो कर सूर्य देवता जो की उनके पिता थे उनका अर्घ्य करते थे. तब से लेकर आज तक हम सभी महिला हो या पुरुष कोई भी इस छठ पूजा का उपवास रख कर इसे मन सकते है.
2023 में छठ पूजा कब है ?
छठ पूजा 2023 में 17 November 2023 को है. यह तारीख हर साल बदलता रहता है लेकिन अक्टूबर महीने में जो छठ पूजा होता है उसे कार्तिक छठ पूजा कहते है. आपके जानकारी के लिए बता दे की छठ पूजा हर साल 2 बार मनाया जाता है पहला छठ चैत महिना में होता है और दूसरा छठ kartik महीने में होती है.
तारीख |
दिन |
पर्व |
हिंदी तिथि |
17 नवंबर 2023 |
शुक्रवार |
नहाय खाय |
चतुर्थी |
18 नवंबर 2023 |
शनिवार |
खरना |
पंचमी |
19 नवंबर 2023 |
रविवार |
संध्या अर्घ्य |
शास्थी |
20 नवंबर 2023 |
सोमवार |
उषा अर्घ्य |
सप्तमी |
छठ पूजा का इतिहास क्या है
जैसे की हमने पहले ही कहा था की छठ पूजा का इतिहास बहुत पुराना है यह महाभारत काल से ही चलता आ रहा है. इस पूजा की शुरवात कर्ण ने किया था जो की भगवान् सूर्य के परम भक्त थे और वो घंटो पानी में खड़े हो कर सूर्य देव का अर्घ्य करते थे. तब से आज तक ये पूजा हम सभी मानते है. छठ पूजा साल में २ बार मनाया जाता है.
छठ पूजा में किसकी पूजा होती है ?
छठ परिवार में सुख समृद्धि के लिए किया जाता है तो इस्पे हम सूरज देव के साथ-साथ उनकी बहन की पूजा कर आराधना की जाती है . छठ माता बच्चो की रक्षा करने वाली देवी है तो अगर कोई इस व्रत को करता है तो उनके संतान की लम्बी आयु होती है साथ ही साथ बहुत से लोगो का मानना है की की उनकी मनोकामना भी पूरी होती है.
छठ पूजा की विधि क्या क्या है
छठ पूजा की चार दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते है जो की है :-
- नहाया खाय
- खरना
- संध्या अर्घ्य
- उषा अर्घ्य
चलिए विस्तार से जानते है इन चार महत्वपूर्ण दिन के बारे में
- नहाया खाय :- यह 17 नवंबर 2023 को मनाया जायेगा इस दिन. छठ पूजा की शुरवात इसी दिन से प्रारंभ होता है. इस दिन घर में स्नान के बाद घर की साफ़ सफाई की जाती है साथ ही शाकाहारी भोजन के खाया जाता है. इस दिन बहुत से लोगो के घर में लौकी की सब्जी और चने की दाल से इसका शुरवात करते है.
- खरना :- यह छठ पूजा का दूसरा दिन है 18 नवंबर 2023 जिसे हम सभी खरना के नाम से भी जानते है. इस दिन से व्रत की शुरवात होती है. इस दिन घर के वो सदस्य पुरे दिन व्रत रखते/रखती है और शाम के समय मिट्टी के बने नए चूल्हे पर साठी के चावल गुड और खीर बना कर प्रसाद तैयार करते है और फिर सूर्य भगवान् की पूजा करने के बाद उस प्रसाद को ग्रहण करते है.
खरना के प्रसाद को साथ ही अपने परिवार के सदस्यों को दिया जाता है और अपने आस पड़ोस के लोगो को भी दिया जाता है. बहुत से घरो में पुडिया भी प्रसाद के रूप बनाया जाता है.
- संध्या अर्घ्य : - 19 नवंबर 2023 इस दिन जो भी लोग छठ पूजा करते है वो शाम के समय किसी तालाब या नहीं में सूर्य डूबने से पहले चले जाते है और डूबते हुए सूर्य को पानी में खड़े हो कर अर्घ्य देते है. छठ पूजा अर्घ्य टाइम हर राज्य में अलग अलग समय में होता है.
- उषा अर्घ्य :- 20 नवंबर 2023 यह छठ पूजा का आखरी दिन होता है जब हम सब सुबह सुबह सूरज के उगने से पहले नदी या तालाब में चले जाते है और पानी में खड़े हो कर सूर्य देव का उषा अर्घ्य करते है और सूर्य जब निकलता है तो छठ मैया को प्रणाम कर और नहा कर छठ पूजा का अंत करते है.फिर घर आ कर घर के देवी देवताओ की पूजा कर लोगो को प्रसाद बाटते है.
छठ पूजा कहां मनाया जाता है ?
बहुत से लोग ऐसे शहर में रहते है जहा ना तालाब होता है और नाही नदी ऐसे में आप अपने घर में थोडा मिटटी खोद कर पानी डाल कर वहा छठ पूजा कर सकते है. और जिन लोगो के पास नदी या तालाब का साधन होता है वो नदी या तालाब के किनारे खड़े हो कर छठ पूजा मना सकते है.
छठ पूजा सामग्री लिस्ट इन हिंदी
अगर आप भी छठ पूजा करने के बारे में सोच रहे है और आपको नहीं पता है की आपको क्या क्या सामग्री छठ पूजा के लिए चाहिए तो हमने आपके लिए इस लेख में वो भी शामिल कर लिया है. छठ पूजा के लिए आप इन् सामग्री को list कर बाज़ार के मागवा कर पूजा कर सकते है . आप छठ पूजा सामग्री list पीडीऍफ़ को डाउनलोड कर प्रिंट भी कर सकते है
- व्रत रखने वाले के लिए नए वस्त्र जैसे साड़ी और पुरुषो के लिए बनियान और धोती
- बांस का बना हुआ सूप और बड़ी बड़ी दो टोकरिय
- दूध और पानी रखने के लिए पात्र एक लोटा और थाली
- पूजा में प्रगोग के लिए गन्ने की छड जिसमे हरे पत्ते लगे हो
- शरीफा, केला नाशपाती बड़ा वाला नारियल
- दीपक , चावल, सिंदूर, धुप
- पानी और साबुत सुपारी
- सकरकंद और सुथनी
- मिठाई
- शहद, चन्दन , अगरबत्ती, कुमकुम, कपूर, गेहू चावल गुड
ये सारे छठ पूजा करने की विशेष सामग्री है जिनके बिना छठ पूजा नहीं हो सकती है. अगर हमारे list में कुछ सामग्री छुट गयी हो तो हमें जरुर बताने का कास्ट करे.
आखरी शब्द
chhath puja का पर्व भारत में एक कॉमन त्यौहार है तो इस दिन हमारे देश के कुछ राज्य जैसे बिहार में bank holiday भी होता है. और हर घर घर में chhath puja song बजता है. अगर आप chhath puja geet 2023 की तलाश कर रहे है तो आप jioSaavn , winkmusic, amazon के जरिये आसनी से नए छठ पूजा का mp3 गीत डाउनलोड कर बजा सकते है. हमारे इस लेख chhath puja kyu manaya jata hai के बारे में पढ़ कर आपको अच्छा लगा होगा.
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