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HDD (HARD DISK DRIVE) kya hai क्या  है पूरी जानकारी हिंदी में

HDD यानी हार्ड डिस्क ड्राइव जिसे हार्ड डिस्क,या फिर हार्ड ड्राइव, या फिर  data storage डिवाइस या HDD के नाम से भी हम सभी जानते है HDD किसी भी प्रकार के डिजिटल डाटा को सुरक्षित कर रखने वाला device भी कहते है, जो कि डिजिटल जानकारी को चुम्बकीय रूप से लिख और पढ़ सकता है। इसमें घूमने वाले डिस्क्स गोल होते है जो कि CD या DVD कि तरह के होते हैं जिन्हें चुम्बकीय पदार्थ से लेप किया जाता है। बिजली न होने पर भी डाटा स्टोरेज डिवाइस के आंकड़ों को सुरक्षित रखता है। hardisk drive से आँकड़ों को बेतरतीब (रैंडम -एक्सेस) के तरीके से पढ़ा जाता है। इसका मतलब है कि आँकड़ों के समूह को hardisk drive में किसी भी जगह लिखकर सुरक्षित किया जा सकता है। मतलब आँकड़ों का स्टोरेज किसी खास क्रम में करने की आवश्यकता नहीं है।

hard disk drive  का अविष्कार १९५६  में आइ०बी०ऍम० नामक कंपनी में हुआ था। १९६० के दशक तक आँकडा storage device सभी सामान्य कार्य के संगणकों में सबसे प्रचलित अतिरिक्त/सहायक storage device बन गया। आँकड़ा storage device में नियमित रूप से सुधार होने लगा और आज hard disk drive  का प्रयोग सर्वर और व्यक्तिगत data को रखने के लिए भी किया जाता है । २०० से भी ज़्यादा औद्योगिक इकाइयों ने hard disk drive (HDD) बनाये हैं। हलाँकि ज़्यादातर hard disk drive आज सीगेट(Segate),तोशिबा (Toshiba) और वेस्टर्न डिजिटल बनाते हैं। सारी दुनिया में डाटा hard disk drive का राजस्व २०१३ में $ ३२ बिलियन था जो की २०१२ की तुलना में ३% है 


hard disk drive device को उसकी storage क्षमता और प्रदर्शन के आधार पर विश्लेषित किया जाता हैं। hard disk drive device की क्षमता बाइट्स में होती हैं। 

  • १०२४ बाइट को १ किलोबाइट कहा जाता है। उसी तरह से 
  • १०२४ किलोबाइट को १ मेगाबाइट कहा जाता है।
  •  १०२४ मेगाबाइट को १ गीगाबाइट कहते है
  •  और १०२४ गीगाबाइट को १ टेराबाइट कहा जाता है।

hard disk drive storage device का पूरा storage स्थान उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध नहीं होता क्यूंकि कुछ हिस्सा प्रचालन तन्त्र यानी (ऑपरेटिंग सिस्टम) को रखने और कुछ और हिस्सा फाइल सिस्टम को रखने के लिए भी किया जाता है और कुछ हिस्सा संभवतः अंदरुनी अतिरेकता (inbuilt redundancy) गलती सुधारने और डेटा पुन:प्राप्ति के लिए होता है। आंकडों को लिखने वाले नोक(हेड) के पटरी तक पहुंचने के समय और पढ़ते वक़्त वांछित क्षेत्र के नोक के नीचे तक पहुंचने में लगने वाले समय और आँकड़ों के storage device से आवागमन की गति के आधार पर प्रदर्शन क्षमता का निर्धारण किया जाता है।

Hard disk drive in Hindi


आज के hard disk drive storage device मेज पर रखे जा सकने वाले संगणकों (डेस्कटॉप कंप्यूटर) के लिए ३.५ इंच और गोद में रखे जा सकने वाले संगणकों में २.५ इंच के होते हैं। hard disk drive मुख्य प्रणाली से साटा, यूएसबी या एस.ए.एस(सीरियल अटैच्ड SCSI) जैसे मानक विद्युत् चालक तारों से जुड़े होते हैं। २०१४ तक hard disk को अतिरिक्त या सहायक storage के क्षेत्र में ठोस अवस्था वाले संचालक के रूप में टक्कर देने वाली तकनीक थी फ्लैश मेमोरी | आने वाले समय में यह माना जा रहा है कि हार्ड डिस्क अपना आधिपत्य जारी रखेगी लेकिन जहाँ गति और बिजली की कम खपत ज़्यादा ज़रूरी हैं वहाँ ठोस अवस्था वाले उपकरण SSD (सॉलिड स्टेट डिवाइस) को हार्ड डिस्क की जगह पर इस्तेमाल किया जा रहा है

HDD (हार्ड डिस्क ड्राइव) का full फ्रॉम क्या है


अगर आप HDD के full form के बारे में नहीं जानते है तो जान लीजिये HDD को (hard disk drive) कहते है जो कि एक इंग्लिश शब्द है जिसे हिंदी में संगृहीत यन्त्र भी कहते है.

  

How does a HDD work?


हार्ड डिस्क (HDD) को पहली बार १९५६ में आई बी एम के वास्तविक समय ट्रांसक्शन प्रोसेसिंग कंप्यूटर के लिए hard disk drive युक्ति (डेटा सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया था) यह सामान्य उपयोग, मेनफ़्रेम और छोटे कंप्यूटर पर इस्तेमाल करने के लिए भी विकसित किया गया था। यह पहला आई बी ऍम ड्राइव ३५० आर मैक दो रेफ्रीजिरेटर के समान बड़ा था और यह ५ मिलियन ६ बिट अक्षरों को (३.७५ मेगाबाइट) रखने की क्षमता रखता था। यह आँकड़ों को ५० डिस्क (गोलाकार चक्रिका) के ढेर पर सहेजता था।


१९६२ में आईबीऍम मॉडेल १३११ ने डिस्क ड्राइव लाया जो वाशिंग मशीन के आकार का था और यह एक हटा सकने वाले डिस्क पैक पर २० लाख अक्षरों को सुरक्षित रख सकता था। उपयोगकर्ता अतिरिक्त पैक खरीद सकते थे और उन्हें ज़रुरत के अनुसार आपस में बदल सकते थे, बिलकुल चुंबकीय टेप के रील की तरह। इसके बाद के डिस्क पैक ड्राइव्स जो आईबीऍम और दूसरी कम्पनियों ने बनाये थे, कम्प्यूटर्स में इस्तेमाल होने लगे और १९८० के दशक तक यह ३०० मेगाबाइट की क्षमता तक पहुंच गए। जिन HDD को कम्प्यूटरों से हटाया नहीं जा सकता था उन्हें "फिक्स्ड डिस्क" ड्राइव कहा जाता हैं।

१९८० के दशक के शुरुआत में HDD बहुत मँहगे थे, लेकिन १९८० के दशक के अंत तक इनके भाव इतने कम हो गए कि सबसे सस्ते कम्प्यूटरों में भी इनको इस्तेमाल किया जाने लगा।

१९८० के दशक के शुरुआत में ज़्यादातर व्यक्तिगत कंप्यूटर में HDD का प्रयोग होने लगा था । 


इनके बीच एक ३ अणु मोटाई का एक गैरचुम्बकीय परत रहता हैं। दोनों परतो में विपरीत दिशा में चुम्बकीय प्रभाव होता हैं, इस प्रकार दोनों परत एक दूसरे को सुदृढ़ करते हैं। गर्मी के प्रभाव से निपटने के लिए एक और तकनीक इस्तेमाल होती हैं इसका नाम परपेँडिकुलर रिकॉर्डिंग हैं। इससे रिकॉर्डिंग डेंसिटी भी ज़्यादा मिलती हैं २००५ में इसे पहली बार शिप किया गया था आज कई HDD यह तकनीक इस्तेमाल कर रही हैं।

हार्ड डिस्क के प्रकार (Types of Hard Disk in Hindi)


Hard Disk Drive 4 तरह के होते है 

  1. PATA Drives
  2. SATA Drives
  3. Solid State Drives (SSD)
  4. SCSI Hard Disk

आज के समय में SATA Drives ज्यादा चलता है जिसपे एक पॉवर cable होता है और एक लाल रंग का sata cable जिसके जरिये हम अपने कंप्यूटर के motherboard से set कर डाटा का आदान प्रदान करते है लेकिन यहा भी SATA DRIVER के parts होते है जैसे :- 

  • Internal Hard Disk Drive : जिसे हम अपने कंप्यूटर पे motherboard के साथ SATA cable के ज़रिये installed कर उसे अपने कंप्यूटर पे रख देते है. जरुरत पड़ने पर इसकी सफाई करते है. लेकिन यह आपके कंप्यूटर के cpu पे fixed रहता है.
  • External Hard Disk Drive – ये वो Hard Disk Drive होते है जिन्हें आप अपने कंप्यूटर पे लैपटॉप पे अलग तरीके से लगा सकते है. External Hard Disk Drive portable होता है जिसे आप कही भी ले कर जा सकते है. इसका प्रयोग करने के लिए आपको किसी भी प्रकार का ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयोग नहीं करना पड़ता है.

लेकिन अब जो समझदार लोग है फ्यूचर का प्लान करते है और HDD को नहीं खरीदते है वो SSD को खरीदना ज्यादा पसंद करते है. अब आप सोचेंगे कि ये SSD क्या है ? SSD HDD का अपग्रेड वर्शन है चलिए जानते है इसके बारे में 

SSD क्यां है? (What is SSD in Hindi)

SSD क्यां है? (What is SSD in Hindi)

(Solid State Drive) जिसे हम “SSD” के नाम से भी जानते है एक Nonvolatile Storage Device है इसमें एक माइक्रोचिप्स होती है जो कि मेमोरी कार्ड या पेन ड्राइव की तरह काम करती है इसपे किसी भी तरह क HDD जैसा चक्की नहीं रहता है बल्कि ये एक सॉलिड चिप रहता है जो डाटा को store कर रखता है. ये HDD से बहुत ही हल्का और कम बिजली से चलता है साथ ही इसकी speed HDD से बहुत ज्यादा होती है.

SSD के लाभ (Advantage of SSD)


  • SSD की स्पीड 500 Mbps तक कि  होती है।
  • कम बिजली की खपत करता है 
  • टिकाऊपन (Durability) होती है 
  • छोटे आकार और हल्का वजन का होता है 

SSD के नुकसान (Disadvantage of SSD)


  • यह बहुत हे महंगा (Expensive) होता है 
  • SSD का storage छमता कम (Low Storage Capacity) होती है 

आज कल अधिकतर लैपटॉप मे SSD लगी आती है जिससे इनकी कीमत भी आपको शायद ज्यदा लगती है. यही नहीं आज कल web hosting कंपनी भी अपने सर्वर पे ssd का प्रयोग करते है जिससे आपको hosting के लिए भी ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते है 

निष्कर्ष


अगर आप आज के दिन में यानी 2020 में desktop या लैपटॉप खरीदने का सोच रहे है जो मैं आपको HDD खरीदने कि सलाह बिकुल नहीं दूंगा क्युकी इसकी कीमत तो बहुत कम है लेकिन जब बात performance कि आती है तो यह SSD को टक्कर नहीं दे पाती है अगर आप कंप्यूटर खरीदते है तो जरुर आप SSD को देख कर ही अपना कंप्यूटर ख़रीदे.


इस आर्टिकल के जरिये मुझे उम्मीद है कि मैं आपको HDD के वारे में पूरी जानकारी देने में सफल रहा हूँ अगर आपको ये लेख पसंद आये तो शेयर जरुर करे,

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